लोकसभा में गूंजा कड़ाना बांध का मुद्दा, सांसद लुंबाराम चौधरी ने उठाई राजस्थान के जल अधिकारों की मांग
नई दिल्ली, 26 मार्च। लोकसभा में बुधवार को जालौर-सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी ने शून्यकाल के दौरान माही एवं कड़ाना बांध का महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने राजस्थान के जल संकट पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
कड़ाना बांध का पानी बहकर जा रहा समुद्र में, राजस्थान को नहीं मिल रहा हक़
सांसद चौधरी ने कहा कि जालौर और सिरोही में कम वर्षा के कारण भू-जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है, जिससे दोनों जिले ‘डार्क ज़ोन’ घोषित हो चुके हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 1 सितंबर 1965 की खोसला कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात-राजस्थान सीमा पर कड़ाना बांध का निर्माण प्रस्तावित था। इसके बाद, 1 अक्टूबर 1966 को राजस्थान और गुजरात सरकार के बीच हुए माही जल बंटवारा समझौते के तहत कड़ाना बांध बनाया गया।
समझौते के अनुसार, गुजरात के खेड़ा जिले को कड़ाना बांध से पानी तब तक मिलना था, जब तक नर्मदा का पानी वहां उपलब्ध नहीं हो जाता। अब जबकि नर्मदा का पानी खेड़ा जिले को मिलने लगा है, तो समझौते के मुताबिक कड़ाना और माही बांध के पानी का दो-तिहाई हिस्सा राजस्थान को मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
चौधरी ने सदन में बताया कि इस पानी के अभाव में राजस्थान के किसानों और आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, 37 साल में 27 बार कड़ाना बांध का पानी ओवरफ्लो होकर 1.30 लाख एमसीएम पानी समुद्र में बह चुका है।
राजस्थान-गुजरात की संयुक्त बैठक बुलाने की मांग
सांसद चौधरी ने सरकार से मांग की कि इस जल संकट का स्थायी समाधान निकाला जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि राजस्थान और गुजरात सरकार की संयुक्त बैठक बुलाकर डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाए और पानी को व्यर्थ बहने से बचाया जाए।
जवाई नदी को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता
सांसद चौधरी ने जवाई नदी के सूखते जलस्तर पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जवाई नदी के किनारे बसे गांवों में भूजल स्तर 600 से 800 फीट नीचे चला गया है, जिससे पानी खारा हो गया है और भूमि की उर्वरता भी प्रभावित हो रही है। पहले बारिश के दौरान सहयोगी नदियों से जवाई नदी में जल प्रवाह होता था, लेकिन कम वर्षा के कारण अब यह सिलसिला लगभग समाप्त हो गया है।
उन्होंने मांग की कि जवाई बांध से पानी छोड़कर जवाई नदी को पुनर्जीवित किया जाए, ताकि आसपास के किसानों और आमजन को राहत मिल सके।
राजस्थान के जल अधिकारों की लड़ाई जारी रहेगी
सांसद चौधरी ने स्पष्ट किया कि राजस्थान के किसानों और जनता के जल अधिकारों की यह लड़ाई वे लगातार लड़ते रहेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की अपील की, ताकि राजस्थान को उसका वाजिब हक मिल सके और जल संकट से जूझ रहे इलाकों को राहत दी जा सके।