सिरणवा पहाड़ी पर 797वां वार्षिक मेला: श्रद्धा और आस्था का महासंगम
सिरोही, 28 मार्च 2025 – अरावली पर्वतमाला की पावन गोद में स्थित सिरणवा पहाड़ी इस वर्ष भी भक्ति और श्रद्धा से गूंज उठेगी। 797वें वार्षिक मेले के अवसर पर श्री मातर माताजी की भव्य शोभायात्रा और पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा। इस पवित्र मेले का आयोजन श्री नामदेव छीपा समाज सिरोही, जालौर, पाली और गुजरात के तत्वावधान में किया जा रहा है।
मातर माताजी: आस्था और परंपरा का दिव्य संगम
श्री मातर माताजी का जन्म छीपा समाज के भाटी गोत्र में हुआ था। माता जी को श्री अर्बुदा माता का अवतार माना जाता है, और वे सिरोही के सिरणवा पहाड़ी पर श्री मातर माताजी के रूप में प्रकट हुईं। इनके बाल्यकाल का नाम मौनी देवी था, और इनके पिताजी श्री प्रेमाराम जी छीपा थे। छीपा समाज के लोग उन्हें अपने कुल की देवी मानते हैं, और परमार वंश में भी माताजी को विशेष रूप से पूजनीय स्थान प्राप्त है।
भव्य शोभायात्रा और महाआरती का आयोजन
श्री नामदेव छीपा समाज के अध्यक्ष रामलाल भाटी ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी शोभायात्रा बड़े ही धूमधाम से निकाली जाएगी। ढोल-नगाड़ों और भजनों की मधुर गूंज के साथ श्रद्धालु सिरणवा पहाड़ी की चढ़ाई करेंगे। इस शोभायात्रा में माताएं, बहनें, युवा और बुजुर्ग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। यात्रा के पश्चात मंदिर प्रांगण में श्री मातर माताजी का विशेष श्रृंगार, भजन संध्या, महाआरती और महाप्रसादी का आयोजन किया जाएगा।
दूर-दूर से उमड़ेंगे श्रद्धालु
श्री नामदेव युवा परिषद के जिलाध्यक्ष भरत डी छीपा ने बताया कि इस मेले में सिरोही, जालौर, पाली और गुजरात के अलावा अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। मेले में आने वाले भक्तजन सिरणवा पहाड़ी की मनोरम छटा के बीच माता जी के दिव्य दर्शन कर अपने जीवन को कृतार्थ मानते हैं। विशेष रूप से रोहिडा गांव से पैदल संघ के रूप में श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में पहुंचकर माता जी की आराधना करेंगे।
श्रद्धा और उल्लास का अनुपम संगम
यह वार्षिक मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, एकता और संस्कृति का उत्सव भी है। यह आयोजन छीपा समाज की समर्पण भावना और मातर माताजी के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। भक्तों के मन में इस मेले को लेकर जबरदस्त उत्साह है, और वे इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।