सांसद लुंबाराम चौधरी ने लोकसभा में सिरोही और जालौर के लिए चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार की मांग उठाई
नई दिल्ली/सिरोही, 3 अप्रैल। जालौर-सिरोही के सांसद लुंबाराम चौधरी ने लोकसभा में अपने क्षेत्र की चिकित्सा सुविधाओं को लेकर महत्वपूर्ण मांग उठाई। उन्होंने सिरोही मेडिकल कॉलेज में कैंसर सेंटर और ट्रॉमा सेंटर की स्थापना के साथ-साथ जालौर में मेडिकल कॉलेज खोलने की अपील की।
सिरोही में ट्रॉमा सेंटर और कैंसर सेंटर की आवश्यकता
सांसद चौधरी ने कहा कि सिरोही मेडिकल कॉलेज में 162 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 149 पद अब भी रिक्त पड़े हैं, जिन्हें शीघ्र भरा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिरोही जिले से कांडला पोर्ट से दिल्ली हाईवे गुजरता है, जहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। ऐसे में ट्रॉमा सेंटर की जरूरत अनिवार्य है, जिससे घायलों को तत्काल इलाज मिल सके। इसके अलावा, बढ़ते कैंसर मरीजों को ध्यान में रखते हुए कैंसर सेंटर की स्थापना भी आवश्यक है।
उन्होंने यह भी बताया कि सिरोही मेडिकल कॉलेज को मार्च 2025 तक पूरा होना था, लेकिन अब तक सिर्फ 60% काम ही पूरा हो सका है। उन्होंने सरकार से अपील की कि बचे हुए 40% कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
जालौर में मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता
सांसद चौधरी ने जालौर जिले को चिकित्सा सुविधाओं के मामले में पिछड़ा बताते हुए वहां मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जालौर जिले में कोई भी उच्च शिक्षण संस्थान नहीं है, जिससे छात्रों को रूस, कजाखस्तान, यूक्रेन और चीन जैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि जालौर जिला जोधपुर संभाग में आता है और जोधपुर से 140 किलोमीटर दूर स्थित है। जिले का सबसे बड़ा अस्पताल 150 बेड का है, जबकि जिले में 53 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 394 उप-स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत हैं। फिर भी, 125 गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं। मरीजों को इलाज के लिए गुजरात तक जाना पड़ता है, जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सांसद चौधरी ने केंद्र सरकार से मांग की कि जालौर में मेडिकल कॉलेज स्थापित कर वहां के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि वे इलाज के लिए भटकने को मजबूर न हों।
क्षेत्रवासियों को बड़ी उम्मीदें
सांसद चौधरी की इस पहल से जालौर और सिरोही जिले के नागरिकों को बड़ी उम्मीदें हैं। यदि सरकार इन मांगों को जल्द पूरा करती है, तो क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी सुधार होगा और लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी।