सांडों की चपेट में आए कारोबारी की मौत, कोर्ट ने नगर पालिका को ठहराया दोषी, 44 लाख का मुआवजा देने का आदेश

सोजत: सांडों की चपेट में आए कारोबारी की मौत, कोर्ट ने नगर पालिका को ठहराया दोषी, 44 लाख का मुआवजा देने का आदेश

पाली जिले के सोजत में नौ साल पहले हुई एक दर्दनाक दुर्घटना पर अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। 21 मई 2015 को सड़क पर भिड़ते सांडों की चपेट में आकर मेहंदी कारोबारी नरेंद्र टांक की मौत हो गई थी। इस मामले में अपर एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार गढ़वाल की अदालत ने नगर पालिका प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए मृतक के परिजनों को 44.10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

कैसे हुआ हादसा?

45 वर्षीय नरेंद्र टांक अपनी बाइक से घर लौट रहे थे, तभी सड़क पर दो सांडों की लड़ाई के बीच आ गए। अचानक एक सांड ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनके सिर पर गंभीर चोट आई। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

नगर पालिका की लापरवाही साबित

इस हादसे के बाद मृतक की पत्नी ज्योति टांक और बच्चों कुणाल व भूमिका ने नगर पालिका के ईओ, अध्यक्ष, स्वायत्त शासन विभाग और राज्य सरकार के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस जांच के बाद 30 जून 2015 को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई। अदालत ने नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही को स्वीकारते हुए दोषी ठहराया और पीड़ित परिवार को क्षतिपूर्ति के रूप में 44.10 लाख रुपये देने का आदेश दिया।

कानूनी विशेषज्ञों की राय

मामले की पैरवी कर रहे वकील गजेंद्र सोनी ने बताया कि यह फैसला नगर पालिका प्रशासन के लिए एक अहम चेतावनी है कि वे सार्वजनिक स्थानों पर लावारिस पशुओं की समस्या को हल्के में न लें।

सार्वजनिक सुरक्षा पर उठे सवाल

यह घटना और कोर्ट का फैसला स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। नगर पालिका पर यह जिम्मेदारी बनती है कि वे आवारा पशुओं के नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके।


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