बावली गांव को दूरस्थ पंचायत में जोड़ने पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, सौंपा ज्ञापन व आपत्ति पत्र
सिरोही |
राज्य सरकार के पंचायत पुनर्गठन अभियान के अंतर्गत सिरोही पंचायत समिति की नवारा ग्राम पंचायत से बावली गांव को हटाकर 8 किलोमीटर दूर स्थित मंडवारिया पंचायत में जोड़ने के प्रस्ताव पर ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। सोमवार को युवा नेता मांगूसिंह बावली के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने एकजुट होकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे अव्यवहारिक और जनविरोधी बताया।
ग्रामीणों का कहना है कि बावली गांव, नवारा पंचायत से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, वहीं मंडवारिया से इसकी दूरी 8 किलोमीटर है। ऐसे में ग्रामवासियों को दैनिक कार्यों, स्कूल, स्वास्थ्य सेवाओं और पंचायत के कामकाज में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
ज्ञापन सौंपने के बाद ग्रामीणों ने सिरोही सर्किट हाउस में पंचायती राज मंत्री ओटाराम देवासी से मुलाकात कर इस मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान मांगूसिंह बावली ने मंत्री व भाजपा जिला अध्यक्ष रक्षा भंडारी से चर्चा करते हुए कहा कि बावली गांव आज़ादी के बाद से हर चुनाव में भाजपा के साथ खड़ा रहा है, लेकिन अब बिना ग्रामीणों की सहमति के उन्हें दूरस्थ पंचायत में जोड़ना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने उनकी बात नहीं सुनी और गांव को जबरन मंडवारिया में जोड़ा गया, तो वे आगामी सभी चुनावों का बहिष्कार करेंगे।
राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे इस विषय में पूरी गंभीरता से प्रयास करेंगे और सरकार तक ग्रामीणों की भावनाएं पहुंचाएंगे, ताकि ग्राम बावली की स्थिति यथावत बनी रह सके।
इस प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने की प्रक्रिया में युवा नेता मांगूसिंह बावली, पूर्व सरपंच गणपतसिंह देवड़ा, वार्ड पंच हंजा देवी व अमियादेवी, नारायणसिंह देवड़ा, छतराराम पुरोहित, गलबाराम प्रजापत, साँवलदास वैष्णव, चैलसिंह देवड़ा, धनराज माली, नाथूसिंह देवड़ा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।