पश्चिमी राजस्थान में मीणा समाज का सबसे बडा मेला, जहां वर्दीधारी पुलिस का नहीं होता प्रवेश

पश्चिमी राजस्थान में मीणा समाज का सबसे बडा मेला, जहां वर्दीधारी पुलिस का नहीं होता प्रवेश

- सदियों से चली आ रही परम्परा आज भी कायम, 13 अप्रैल से भरेगा गौतम ऋषि मेला
 
-तीन दिवसीय मेले में सिरोही, जालोर, पाली समेत प्रवासी समाजबंधु होंगे शामिल

सिरोही। पश्चिमी राजस्थान में मीणा समाज का सबसे बड़ा गौतम ऋषि महादेव का वार्षिक मेला पोसालिया के नजदीक चोटिला की सुरम्य पहाडियों में 13 अप्रैल से शुरू होगा। गौतम ऋषि ट्रस्ट मीणा समाज के अध्यक्ष रताराम मीणा आमलिया की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पंडित ने मेला मुहूर्त के अनुसार मेले में 13 अप्रैल को मेलार्थियों का आगमन होगा। 14 को मेला परवान पर रहेगा और 15 अप्रैल को मेला विसर्जित होगा। इस मेले को मीणा समाज के लोग एक बड़े त्यौहार के रूप में मनाते हैं। शिवगंज तहसील क्षेत्र के चोटिला गांव के पास सुकड़ी नदी में करीब तीन किमी की दूरी तक यह मेला भरता है। मेले के दिन शुभ मुहूर्त तक सुकली नदी में गंगा के पानी की धारा फूटती है, जिसमें मीणा जाति के लोग अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित करते हंै। परंपरानुसार मेले की संपूर्ण व्यवस्था समाज के पंच ही करते हंै एवं वर्दीधारी पुलिस के प्रवेश पर पाबंदी रहती है। मेले में इस बार गंगा मैया के आगमन का मुहूर्त 14 अप्रैल को अलसुबह 4ः55 बजे होगा। मंदिर के पास नदी के अंदर ही गंगा कुंड है, जिसमें 14 अप्रैल को गंगा अवतरण होगा। इस कुंड में मीणा समाज के लोग मंत्रोच्चारण के साथ अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित करेंगे। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। मान्यता है कि तपस्वी गौतम ऋषि के बुलावे पर स्वयं गंगा माता ने प्रकट होकर मेले के दिन आने का वरदान दिया था, तब से आज तक इस मेले में शुभ मुहूर्त पर गंगा का प्रवाह होता है। वहीं किसी भी वर्दीधारी पुलिस अधिकारी व सिपाही को मेले में प्रवेश नहीं दिया जाता है। इसके बावजूद भी मेले की पूरी व्यवस्था अनुशासित रहने की वजह यह है कि मेले में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी समाज के परगनावार पंचों के हाथों में होती है।

-13 अप्रैल से भरेगा मेला, 15 अप्रैल को विसर्जन होगा

मेले में 13 अप्रैल से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाता है। करीब तीन किमी की दूरी पर भरने वाले इस मेले में 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। मीणा जाति के लोग परंपरागत वेशभूषा से सज-धज कर आते है और वे गौतम बाबा के मंदिर में पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना करते है। मेला स्थल पर हाट बाजार में मीणा समाज के युवक अलग-अलग दलों में छाते के नीचे भूरिया बाबा के लोकगीत गाते व नाचते हैं। गौतम ऋषि ट्रस्ट के अध्यक्ष रताराम मीणा ने बताया कि मीणा समाज के कुल देवता श्री गौतम ऋषि महादेव का लक्की मेला 13 अप्रैल से शुरू होगा। इस तीन दिवसीय मेले के दूसरे दिन यानी 14 अप्रैल को अलसुबह गंगा मैय्या का अवतरण होगा। जिसमें मीणा समाज के लोग विधि विधान के साथ अपने पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन करेंगे।

-वर्षों पुरानी परंपरा का हो रहा है निर्वहन
मीणा समाज यह मेला सांस्कृतिक और सामाजिक वार्षिक उत्सव की तरह होता है। इस मेले में वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए मीणा समाज के लोग अपनी एताइयों (अस्थाई बसेरों) में अपने रिश्तेदारों, मित्रों तथा विशेषकर जवाइयों की मेहमान नवाजी करते हैं। इस दौरान उनके स्वागत एवं सम्मान में महिलाएं व युवतियां लोकगीत गाती हैं। इस अवसर पर मीणा समाज के लोग अपने जवान लड़के-लड़कियों के शादी के रिश्ते भी तय करते हैं। एताइयों पर रिश्तेदारों, जवाइयों व मित्रों को भोजन, मिष्ठान, सुरमा की मनुहार की जाती है।

-इनका कहना है
मेले को लेकर आयोजन कमेटी जोर-शोर के साथ तैयारियों में जुट गई। गंगा अवतरण का मुहूर्त 4ः55 बजे से 6ः10 बजे तक है। मेलार्थियों की सुविधा को लेकर पूर्ण ध्यान रखा जा रहा है।
-रताराम मीणा, अध्यक्ष, गौतम ऋषि ट्रस्ट मीणा समाज सिरोही,जालोर,पाली


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