पंजाब में नकली शराब से त्रासदी: 14 की मौत, मुख्य आरोपी सहित सात गिरफ्तार

पंजाब में नकली शराब से त्रासदी: 14 की मौत, मुख्य आरोपी सहित सात गिरफ्तार

चंडीगढ़/अमृतसर, 13 मई :-  पंजाब के अमृतसर जिले में कथित तौर पर नकली शराब पीने से पांच गांवों में कम से कम 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कई लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है और छह लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, यह घटना अमृतसर के भंगली, पातालपुरी, मरारी कलां और थेरेवाल गांवों में सामने आई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जहरीली शराब में मेथेनॉल का इस्तेमाल किया गया था, जिसे थोक में ऑनलाइन खरीदा गया था।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस हादसे को “हत्या” करार देते हुए सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “ये मौतें नहीं, हत्याएं हैं। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”

जिले की उपायुक्त (डीसी) साक्षी साहनी ने 14 मौतों की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतकों में अधिकतर दिहाड़ी मजदूर थे। डीसी ने पुलिस उप महानिरीक्षक (बॉर्डर रेंज) सतिंदर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनिंदर सिंह के साथ प्रभावित गांवों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।

प्रमुख गिरफ्तारियां और जांच:
पुलिस ने जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह, कुलबीर सिंह, साहिब सिंह, गुरजंत सिंह और निंदर कौर के नाम शामिल हैं। प्रभजीत सिंह ने कथित तौर पर 50 लीटर मेथनॉल खरीदा और उसे मिलाकर दो-दो लीटर के पैकेट में लोगों को बेचा।

एसएसपी सिंह ने बताया, “हमने अब तक कई जहरीली शराब के पैकेट जब्त किए हैं और बाकी की तलाश जारी है। अपराधियों पर भारतीय दंड संहिता और आबकारी अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।”

इलाके में स्वास्थ्य अलर्ट:
जिला प्रशासन ने तुरंत मेडिकल टीमें तैनात की हैं, जो घर-घर जाकर संभावित पीड़ितों की जांच कर रही हैं। डीसी साहनी ने बताया कि चाहे पीने वालों में लक्षण हों या नहीं, सभी को मेडिकल जांच के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

जनता से अपील:
प्रशासन और पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी ने हाल ही में किसी संदिग्ध शराब का सेवन किया है तो तुरंत निकटतम अस्पताल जाएं या प्रशासन को सूचना दें।

यह घटना एक बार फिर अवैध शराब माफिया के खतरे और नियमन की कमजोरियों को उजागर करती है। अब देखना यह होगा कि सरकार दोषियों को कितनी सख्ती से सजा दिलवाने में कामयाब होती है और भविष्य में ऐसी त्रासदियों से कैसे निपटा जाएगा।


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